Declining level of education
प्राचीन काल से लेकर के वर्तमान समय तक मानव जीवन अनेक ढाल उतार से और चढ़ाव से गुजरता आया है ऐसे में जिससे मानव जीवन में शिक्षा का विकास हुआ वैसे ही उसकी आवश्यकताएं बढ़ने लगी । समय के साथ शिक्षा का स्वरूप भी बदलता गया प्राचीन काल में गुरुकुल आश्रम में मौखिक शिक्षा का अध्ययन हुआ करता था, वह शिक्षा कठिन थीं,
फिर संसाधनों का विकास हुआ तो शिक्षा ने लिखित रूप धारण कर लिया शिक्षा की प्रणाली भी सरल होती गई ।
प्राचीन काल में जहां भारत को विश्व गुरु का दर्जा प्राप्त हुआ वह दर्जा केवल और केवल उसकी शिक्षा प्रणाली और आध्यात्मिक संस्कृति के कारण ही था उस समय गार्गी याज्ञवल्क्य सावित्री सीता जैसी विदुषी नारी नारियां भी हुई जिनका लोहा तत्कालीन पुरुष वर्ग भी मानता था।
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