52_Cruelities_On_GodKabir
आज से 600 साल पहले कबीर परमेशवर कमल के फूल पर अवतरित हुए थे उसके बाद लीला करते हुए 5 वर्ष की आयु में बड़े-बड़े ऋषि-मुनियों और मोलवियों के छक्के छुड़ा लगे उनके साथ ज्ञान चर्चा करने लगे और सभी को निरुत्तर कर रहे थे उस समय दिल्ली के शासक सिकंदर लोदी का धर्मगुरु शेखतकी था शेखतकी एशिया ईर्ष्यालु स्वभाव का था बादशाह सिकंदर के जलन का रोग परमेश्वर कबीर जी के आशीर्वाद से ठीक हो गया तो उसके बाद सिकंदर ने कबीर जी को अपना धर्म गुरु बना लिया जिस कारण से शेखतकी सिकन्दर और कबीर जी दोनों से ही जलने लगा उसने अन्य मुस्लिम जनता से कह दिया कि हमारा बादशाह तो एक काफिर को अपना गुरु बना चुका है जिस कारण सिकंदर भी कुछ भयभीत सा रहने लगा तब उसने शशेखतकी के कहने पर समय-समय पर कबीर साहिब जी की परीक्षा लेता रहा जैसे कभी तेल के कढ़ाई पर तलना, कभी हाथी के सामने डाल देना ,कभी तालाब में डुबोने का प्रयास करना कभी कुएं में डालना कभी रात्रि में तलवार से वार करवाना कभी बंदूक के सामने लाना कभी मदमस्त हाथी के सामने छोड़ना ऐसी अनेक 52 कसौटियों ली फिर भी कबीर साहब जी के साथ कुछ थी लेख लेकिन शेख तकी को इसमें कभी सफलता नहीं मिली हर बार मुंह के खाता रहा
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