आध्यात्मिक तरीके से बीमारियों से निजात
वर्तमान समय में केवल भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में 80% से ज्यादा जनसंख्या किसी ने किसी बीमारी से ग्रसित है ऐसे में आइए हम जाने कि हम इन बीमारियों से कैसे छुटकारा पा सकते हैं इस संबंध में जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज अपने सत्संग रूपी अमृत वचनों के माध्यम से विश्व की सभी धर्मों के पवित्र सद ग्रंथों के आधार पर एक प्रमाणित दिव्य ज्ञान दे कर के शास्त्र अनुकूल भक्ति साधना बताते हैं जिससे हम शास्त्र अनुकूल भक्ति करते हुए समस्त प्रकार की बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं और आज संत रामपाल जी महाराज के अनेक अनुयाई सीना ठोक कर के यह गवाही दे रहे हैं कि जब तक उन्होंने संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा नहीं ली तब तक छोटी बड़ी कई बीमारियों से ग्रसित थे , परंतु जबसे उन्होंने जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज से नाम दीक्षा ली है तब से धीरे-धीरे करके उन बीमारियों से उनको राहत मिलना शुरू हो गया और स्थिति यह हुई कि आज उन्हें किसी भी प्रकार से कोई दवा तक लेने की जरूरत नहीं पड़ती है शर्त यही है कि नाम दीक्षा लेने वाले अनुयाई को संत जी द्वारा बताई गई मर्यादा का पालन करना बहुत-बहुत जरूरी होता है; भक्ति की मर्यादा रूपी लक्ष्मण रेखा से वह अनुयाई हमेशा के लिए बीमारियों से मुक्त हो जाता है , स्वस्थ जीवन जीता है और अंत में हमेशा के लिए जन्म मरण के रोग से रहित होकर एक अविनाशी लोक में निवास करता है, जिसे हमारे धर्म ग्रंथों में सच्चखंड,/ सतलोक कहते हैं, जहां किसी भी वस्तु का अभाव नहीं होता हैं, नहीं कोई शर्म या मेहनत करने की आवश्यकता होती है यानी कि वहां कर्मफल के आधार पर जीने की जरूरत नहीं होती है वहां सब कुछ अपनी भक्ति की कमाई से फल मिलता है और यह भक्ति भी कभी खंडित या क्षीण नहीं होती है यह शाश्वत लोक होता है और यह भक्ति सनातन या शाश्वत भक्ति कहलाती है यहां पर अविनाश परमेश्वर का आधिपत्य है जिसे वेदों में कवि देव अर्थात कबीर परमेश्वर कहा जाता है
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